एक कंजूस आदमी के घर मेहमान आया.
कंजूस – “भाईसाहब, ठंडा लेंगे या गरम ?”
मेहमान – “ठंडा…”
कंजूस – “जूस या कोल्डड्रिंक ?”
मेहमान – “कोल्ड ड्रिंक ले लूँगा .”
कंजूस – “स्टील के गिलास में लेंगे या कांच के गिलास में … ?”
मेहमान – “कांच के गिलास में ले आओ …”
कंजूस – “प्लेन या डिजाइन वाला ?”
मेहमान (परेशान होते हुए ) – “अरे यार, डिजाइन वाले में ही ले आओ … !”
कंजूस – “ओके, कौनसी डिजाइन पसंद है ? लाइनों वाली या फूलों वाली ?”
मेहमान – “फूलों वाली.”
कंजूस – “कौनसे फूल ? गुलाब के या चमेली के ?”
मेहमान – “गुलाब के.”
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कंजूस (अपनी बीवी से) – “लाजो, ज़रा देख तो गुलाब के फूलों की डिजाइन वाला गिलास अपने घर में है या नहीं ?”
बीवी – “नहीं है जी …”
कंजूस – “ओ त्तेरी ! नहीं है ? …. चल फिर कोल्ड ड्रिंक रहने दे … भाईसाहब को मजा नहीं आएगा…. !!!”