एक महिला बाजार में मेहंदी लगवाने
स्कूटी पर गयी
बाद में उससे याद आया कि वह तो
स्कूटी पर अकेली ही आयी है,
अब घर पर कैसे जाए?
तभी एक सज्जन व्यक्ति ने उसे वहां देख लिया,
जोकि उसका पड़ोसी ही था
और अपनी सज्जनता निभाते हुए,
उसकी स्कूटी चलाकर उसे घर छोड़ आया
बाद में उस व्यक्ति को याद आया,
वह तो अपनी बाइक और बीवी बच्चो
को वही बाजार में ही छोड़ आया।
इसीलिए कहते है,
सज्जन व्यक्ति कभी भी अपनी
सज्जनता नही छोड़ते।
पर ऐसो को यो तो महान सज्जन
की परिभाषा से नवाजा जाना चाहिए।
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