ये पढ़ाई-लिखायी पता नही किसका आईडिया था, नही तो

ये पढ़ाई-लिखायी,
नौकरी चाकरी,
घर बार ,दुकानदारी ….
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पता नही किस नालायक का आईडिया था…
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आराम से गुफ़ाओं में रहते,
रात में सोते
कन्द मूल खाते और सुकून से मर जाते।
😂🤣😂🤣😂🤣

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